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बंगलादेश मे हिन्दू समाज के उत्पीड़न के खिलाफ आक्रोश प्रदर्शन कर हिन्दू समाज ने संतो महंतो संग मीरजापुर नगर मे निकाली पदयात्रा

0 बांग्लादेश के हिन्दू समाज के धन धर्म तथा चरित्र की हत्या पर लगे रोक, भारत सरकार बांग्लादेश पर आर्थिक प्रतिबन्ध लगाये: प्रान्त संघचालक अंगराज
0 ईस्कान के महंत चिन्मय कृष्ण दास को रिहा किया जाय: प्रान्त उपाध्यक्ष विद्याभूषण
0 राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम भू राजस्व को सौंपकर समाधान हेतु प्रभावी कार्यवाही कराये की की मांग
विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर।
बांग्लादेश में हिन्दुओ एवं अन्य अल्पसंख्यक समाज के प्रति हिंसा-अत्याचार एवं गणमान्य नागरिकों व साधु संतों की गिरफ्तारी के विरुद्ध हिन्दू रक्षा समिति मीरजापुर के तत्वावधान मे मंगलवार को घंटाघर मैदान मे आक्रोश प्रदर्शन कर नगर मे पदयात्रा निकाली गयी। इस दौरान घंटाघर पहुचे एडीएम भू राजस्व डीपी सिंह को राष्ट्रपति भारत गणराज्य को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संचालक अंगराज सिंह जी ने कहाकि बांग्लादेश में सरकार के तख्तापलट के बाद लगातार 4 माह से हिन्दुओं पर हो रही हिंसा, अपहरण बलात्कार, लूट-पाट, आगजनी और समाज का नेतृत्व का कर रहे गणमान्य नागरिको और साधु संतो का उत्पीडन, मुकदमा, गिरफ्तारी को देख सुनकर पूरा देश और समाज आक्रोशित एवं उद्वेलित है। बांग्लादेश राजनैतिक षड़यंत्र और अराजकता के दौर से गुजर रहा है, जिसमे वहां रहने वाल निर्दोष अल्पसंख्यक सनातन हिन्दू धर्मावलम्बियों के साथ साथ सिख, बौद्ध, जैन सम्प्रदायों के आस्थावान नागरिको पर भी हमले किये जा रहे है। बांग्लादेश के हिन्दू समाज के धन व धर्म तथा चरित्र की हत्या की जा रही है।

जबकी हिन्दू समाज पुरे विश्व में वसुधैव कुटुंबकम और गीता के ईश्वर: सर्व भूतानां को आत्मसात करते हुए विद्या और शांति का सन्देश देने वाला रहा है, दुनिया के किसी भी देश में हिन्दू कों ने भी कभी कोई अराजकता नहीं फैलाई। शांतिपूर्ण जीवन जीने के बाद भी बांग्लादेश के अन्दर हिन्दुओं की समूह में हत्या की जा रही है। अब वहां बांग्लादेश के सरकारी नौकरियों में काम करने वाले हिन्दुओ, सिखों, बौद्ध एवं जैनियों से भी बलपूर्वक त्याग पत्र ले रहे है, वहां के शासन एवं प्रशासन के द्वारा किसी भी प्रकार की सुरक्षा उन्हें प्रदान नहीं की जा रही है। ऐसे में वहा का हिन्दू एक अनाथ समाज की तरह हो गया है, वहां की कानून व्वयस्था निष्प्रभावी व शून्य हो गई है। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए भारत का हिन्दू शांत नहीं बैठ सकता है। हम अपने हिन्दू भाई बहनों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।

प्रान्त संघचालक ने कहाकि बांग्लादेश की वर्तमान परिस्तिथियों को देखते हुए हम भारत सरकार से यह अपेक्षा करते है कि कुटनीतिक, राजनीतिक और सयुक्त राष्ट्रसंघ, अन्तराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग आदि संस्थानो पर दबाव बढाकर समाधान हेतु कार्यवाही कराई जाय। आवश्यकता है कि भारत सरकार बांग्लादेश पर आर्थिक प्रतिबन्ध लगाये, इसके लिए देश का पूरा हिन्दू समाज, भारत सरकार के साथ अपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पीछे चट्टान की तरह खड़ा है।
उन्होने कहाकि माँ विंध्यवासिनी की पावन धरती मीरजापुर में हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन सभी सनातनियो के प्रयास के द्वारा मीरजापुर के सभी व्यापारिक संगठन, समाज के सुरक्षा के लिए सदैव सतर्क रहने वाले धार्मिक संगठन, शैक्षणिक संस्थान एवं सामाजिक संगठन बांग्लादेश के साथ-साथ विश्व में उन सभी देशो में जहाँ हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन अल्पसंख्यक है, उनकी शांति एवं सुरक्षा के लिए जो भी आवश्यक कदम है, उठाने चाहिए।
विहिप के काशी प्रान्त उपाध्यक्ष विद्याभूषण जी ने कहाकि महंत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत नही हो पा रही है। पहले अफगानिस्तान मे तालिबान का शासन और अब बंगलादेश मे आया है। ऐसे मे हिन्दु सुरक्षित नहीं है। हमे संभलने और जागृत रहने की जरूरत है। सरकार बंगलादेश पर दबाव बनाए कि हिन्दुस्तान सुरक्षित हो और महंत को रिहा किया जाए।
संबोधन के उपरान्त मंचासीन वक्ताओं आरएसएस के प्रान्त संघचालक अंगराज सिंह, विहिप प्रान्त उपाध्यक्ष विद्याभूषण दूबे, जिलाध्यक्ष विहिप मिर्जापुर मातासहाय मिश्र, जिलाध्यक्ष चुनार दिनेश प्रकाश जी, हिन्दू रक्षा समिति के जिला संयोजक अनुपम महराज सहित संतो ने आदि ने एडीएम भू राजस्व डीपी सिंह को भारत गणराज्य के राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। तत्पश्चात उपस्थित जनसमूह पदयात्रा मे निकला।

पदयात्रा घंटाघर मैदान से निकलकर पक्की सरांय, पेहटी चौराहा, चिनिहवा ईनारा से तेलियागंज होते हुए बदली कटरा और गिरधर चौराहा से वासलीगंज होते हुए पुन: घंटाघर पहुचकर समापन हुआ। अध्यक्षता प्रान्त उपाध्यक्ष विहिप विद्याभूषण एवं संचालन हिन्दू रक्षा समिति के जिला संयोजक अनुपम महराज ने किया।

हाथो मे तख्तिया और जुबा पर आक्रोश के फूट रहे थे स्वर
पदयात्रा के दौरान शंख डमरू के नाद के साथ हिन्दू समाज हाथो मे विभिन्न स्लोगन लिखी तखतिया लेकर चल रहे थे जिसमे ‘हिन्दुओ का विश्वास है सर्वे भवंतु सुखिन:’, बंगलादेशी अल्पसंख्यको पर अत्याचार बंद हो, इस्कॉन के महंत चिन्मय कृष्ण दास को रिहा करो आदि नारे लिखे थे। साथ मे भारत माता की जय और वंदे मातरम सहित जिस हिन्दू का खून न खौला-खून नही वह पानी है आदि उद्घोष कर रहे थे।

इन संगठनो की रही भागीदारी
विरोध प्रदर्शन एवं पदयात्रा मे भारत विकास परिषद, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, सनातन धर्म रक्षा परिषद, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, अखिल भारतीय सन्त समिति, सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद, गंगा महासभा, केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति, निरंकारी समिति, राष्ट्र सेविका समिति, दुर्गा वाहिनी, महिला समन्वय समिति, रामलीला समिति, व्यापार मण्डल, क्रीड़ा भारती, पूर्वसैनिक सेवापीठ एवं हिन्दू जागरण मंच सहित अन्य आनुषंगिक संगठन के पदाधिकारी कार्यकर्ता एवं संभ्रांत जन शामिल रहे।

पदयात्रा मे इनकी रही उपस्थिति
इस अवसर पर विष्णु हरि जी महाराज, महेन्द्र गिरि जी महाराज, विभाग प्रचारक प्रतोष कुमार, विभाग कार्यवाह सच्चिदानंद, सह विभाग संघचालक धर्मराज, जिला प्रचारक विक्रान्त, जिला संघचालक शरद चंद, पं रत्नाकर मिश्र, बृजभूषण सिंह, डा जगदीश सिंह पटेल, सोहनलाल श्रीमाली, राजू कनौजिया, जिला कार्यवाह चंद्रमोहन, सुचिष्मिता मौर्या, मनोज जायसवाल, नगर प्रचारक राजेंद्र प्रथम, श्यामसुंदर केशरी, इंजीनियर विवेक बरनवाल, उत्तर मौर्य, अनिल सिंह, जसविन्दर सिंह, पलविंदर सिंह, गंगेश, सुनील, वीरेंद्र, राजेश सोनकर, इन्द्र बहादुर सरोज सहित भारी संख्या मे हिन्दू, सिख, बौद्ध एवं जैन समाज के लोग शामिल रहे।

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