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पैरा लीगल वालंटियर को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
फोटोसहित
मिर्जापुर।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली की योजना 2024 “चाइल्ड फ्रेंडली लीगल सर्विस फॉर चिल्ड्रन” की धारा 51 के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला/सत्र न्यायाधीश मिर्जापुर के सौजन्य से मिडिएशन सेंटर के सभागार में मानसिक रूप से बीमार एवं बौद्धिक अक्षम व्यक्तियों के सर्वांगीण विकास के लिए पैरा लीगल वालंटियर को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन ज्ञानंदा लॉ कॉलेज की प्रबंधक डॉक्टर शीला सिंह द्वारा निर्देशित शार्दुल विक्रम सिंह हेड ऑफ़ डिपार्मेंट विधि विभाग ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने प्रशिक्षण संबोधन में सर्वप्रथम पीड़ित परिवार के लोगों को यह समझाना कि मानसिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का कोई दोष नहीं होता है, जो स्वयं मानसिक रूप से अक्षम होते हैं उन्हें परिवार एवं समाज की सहानुभूति एवं सहयोग बेहतर बना सकता है। उन्होंने आगे संबोधित किया कि नालसा (NALSA) द्वारा 2015 में मानसिक स्वास्थ्य और बौद्धिक अक्षम लोगों को कानूनी सेवा प्रदान करना तथा मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारों तथा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में, न्याय पंचायत, नगर पालिकाओं, नगर निगमन और स्थानीय संगठनों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके तथा स्वास्थ्य एवं शिक्षण संस्थानों को इसमें जोड़ करके मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों, पुनर्वास केंद्रों तक संबंधित लोगों को पहुँचा करके उनके स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है। इसमें रेडियो, टेलीविजन व सोशल मीडिया का उपयोग करके ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा सकता है। मानवाधिकार विधि में सार्वभौमिक मानवाधिकार उद्घोषणा 1948 के अनुच्छेद 1, 2,25 में, नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदा,1966 के अनुच्छेद 7, 10 तथा आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों प्रसंविदा, 1966 के अनुच्छेद 12 तथा संयुक्त राष्ट्र के द्वारा मानसिक रूप से विकसित व्यक्तियों के अधिकारों की घोषणा, 1991 तथा भारतीय संविधान में मूल अधिकार अनुच्छेद 12 से 35 तक सभी के अधिकारों की संरक्षण की गारंटी देता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य वक्ता ने बताया कि सरकारी एजेंसियों-सहकारिता मंत्रालय व विधि मंत्रालय तथा कई गैर सरकारी संगठनों को भी इसमें सम्मिलित करना चाहिए तथा सरकार द्वारा और गैरसरकारी संगठनों द्वारा इनका लाभ पहुंचाने के लिए टोल फ्री नंबर व दूरभाष नंबर की सुविधा भी उपलब्ध हैं। इसके बारे में भी लोगों को बताना चाहिए कि जिससे वह तत्काल लाभ ले सकें। अंत में मुख्य वक्ता महोदय ने मिर्जापुर जिले में से केवल ज्ञानंदा लॉ कालेज को लीगल सर्विस यूनिट- मनोनयन विधिक सेवा इकाई समिति के रूप में चुना गया। इसके लिए अपर जिला जज को बहुत-बहुत धन्यवाद व साधुवाद करते हुए कहाकि आगे भी आयोजित कार्यक्रमों में भी ज्ञानंदा लॉ कॉलेज इसी तरह प्रतिभागी बनाता रहेगा।

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