0 कार्य स्थल पर यूपीएस यूनिफाइड पेंशन योजना की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज करेंगे कार्मिक
मिर्जापुर।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने यूपीएस यूनिफाइड पेंशन योजना का पूरी तरह से विरोध किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा है कि देश के सभी एनपीएस कार्मिकों को 28 जनवरी से 10 फरवरी तक यूपीएस यूनिफाइड पेंशन योजना का पूरी तरह से विरोध करने का निर्णय लिया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा है कि सभी एनपीएस कार्मिक अपने कार्य स्थल पर यूपीएस यूनिफाइड पेंशन योजना की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज करेंगे और उसकी फोटो वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करेंगे।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने जोर देकर कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जी को पुरानी पेंशन बहाली पर विचार करना चाहिए। यूपीएस यूनिफाइड पेंशन योजना से पूरे देश के लाखों एनपीएस कार्मिक गुस्से में हैं। सभी कार्मिक इस निर्णय से नाराज है। राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा है कि यूपीएस यूनिफाइड पेंशन योजना को सबसे पहले देश के प्रधानमंत्री को खुद स्वीकार करना चाहिए। सभी विधायक सांसद मंत्री को यूपीएस यूनिफाइड पेंशन योजना को स्वीकार करना चाहिए।
देश के 85 लाख एनपीएस कार्मिकों के लिए एनपीएस यूपीएस जैसे काला कानून व्यवस्था है, इसको वापस लेना चाहिए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने जोर देकर कहा है कि अगर पुरानी पेंशन बहाली पर केंद्र सरकार ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो पूरे देश में केंद्र सरकार का विरोध तेज किया जाएगा। नरेंद्र मोदी जी का विरोध तेजी से किया जाएगा। इसके लिए देश की सड़को पर बड़े आंदोलन किए जाएंगे। इसके लिए हर कर्मचारी घर घर जाकर केंद्र सरकार का विरोध करेगा। इसके लिए नाटक नुक्कड़ सभा द्धारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा है कि 2024 के लोक सभा चुनाव में देश के 85 लाख एनपीएस कार्मिकों ने करारा जवाब दिया है। आगामी सभी विधान सभा चुनाव में एक बार फिर से वोट फॉर पुरानी पेंशन के लिए जन जागरूक अभियान तेज किया जाएगा।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने सभी राज्यों के पदाधिकारियों को पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन को तेज करने पर जोर दिया है। इसके लिए हर जन प्रतिनिधि के पास जाकर पुरानी पेंशन बहाली के लिए जोर देने पर जोर दिया है।
इसके लिए जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना हर राज्य से आंदोलन तेज किया जाएगा।