0 आरोप: 3 जून को बिजली करंट से मृत इंजीनियर विवेक अग्रवाल का इलाज कर वसूले थे 28 हजार
मिर्जापुर @ विन्ध्य न्यूज.
पापुलर अस्पताल के मुखिया के खिलाफ कटरा प्कोतवाली पुलिस ने अभी तक एफआईआर नही दर्ज की, इससे परेशान भुक्तभोगी डा0 अरविन्द श्रीवास्तव ने राज्यपाल से की लिखित शिकायत की है। बताया दे कि इसके पूर्व 14 जून 2019 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन व द होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन मिर्ज़ापुर शाखा के पदाधिकारियों सहित अन्य संगठन के पदाधिकारीयो ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी मिर्ज़ापुर को दिया कि मिर्ज़ापुर पुलिस द्वारा डॉ अरविंद श्रीवास्तव के प्रकरण में अब तक प्राथमिकी न दर्ज किये जाने से चिकित्सक समुदाय मे रोष है। यही नही चिकित्सको ने काली पट्टी बांधकर रोष व्यक्त किया था।
यही नही इसके पूर्व कायस्थ समाज के जनपद के पदाधिकारी भी कलेक्टोरेट पर प्रदर्शन किये और डीएम एसपी से पापुलर अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। इसके बावजूद भी तमाम चिकित्सक व सामाजिक संगठन की आवाज नक्कारखाने मे तूती साबित हुई और आज तक डा0 अरविन्द श्रीवास्तव की तहरीर पर मुकदमा दर्ज नही हो सका। ऐसे मे पुलिसिया जाच जारी है कि पहेली मे परेशान हैरान चिकित्सक अरविंद श्रीवास्तव को राज्यपाल से शिकायत करनी पडी।
उल्लेखनीय है कि बीते सात जून को डा0 अरविंद कुमार श्रीवास्तव पुत्र स्व0 वी0 के0 श्रीवास्तव निवासी सुरेकापुरम थाना कटरा कोतवाली ने पुलिस को पत्रक सौंपकर आरोप लगाया था कि उनके पडोसी विमल अग्रवाल के पुत्र इंजीनियर विवेक अग्रवाल की दिनांक 3 जून 2019 को अपराह्न लगभग तीन बजे करंट लगने से मौत हो गयी थी। जिसकी पुष्टि स्थानीय चिकित्सक डा0 अवधेश सिंह ने की थी। इसके बावजूद विवेक परिजन पापुलर हास्पिटल नटवा लेकिन गये। आश्चर्य की बात है कि जहा महज 40 मिनट मे उस निर्जीव की इलाज का 28 हजार रूपये का बिल बना दिया गया। जो मानवीय दृष्टिकोण से सरासर गलत रहा।
पुलिस को दिये तहरीर मे उन्होने कहा कि समाजसेवी, नर्सिंग होम एसोसिएशन एवं नीमा पदाधिकारी होने के नाते उन्होने यह जानकारी चिकित्सको के विभिन्न व्हाटस ऐप ग्रुप मे डाल दिया। पुलिस को बताया है कि इसके तुरंत बाद 7:13, 7:15 7:17 पर लगातार तीन बार पापुलर अस्पताल के मालिक डा0 एके कौशिक ने फोन 9336916965 से डा0 अरविंद श्रीवास्तव के फोन नंबर 9415205533 पर फोन किया। आरोप है कि बातचीत के दौरान डा0 कौशिक की भाषाशैली धमकी भरी थी। फिर भी एके कौशिक के वरिष्ठ चिकित्सक होने के नाते अरविंद ने इसे नजरअंदाज किया।
बात यही तक होती तो कुछ गनीमत था, अगले दिन सात जून को पाच सात लोग डा0 अरविंद श्रीवास्तव घर मे घूस गये और शोषल मीडिया पर पापुलर अस्पताल के खिलाफ किये पोस्ट का खंडन करने को कहा। चेताया कि अंजाम बुरा होगा और जाते जाते जाने से मारने की धमकी भी दी।
आश्चर्य की बात तो यह है कि कथित तौर पर मृत्यु व्यक्ति के इलाज के नाम पर महज चंद घंटे मे 28 हजार वसूल करने वाले पापुलर हास्पिटल के खिलाफ तो यहा के जिला प्रशासन को तत्काल ऐक्शन लेने चाहिये था। लेकिन यह क्या लिखित शिकायत के बाद शिकायतकर्ता को धमकी भी मिली इसके बावजूद यहा का जिला प्रशासन आखिर मौन क्यों है। यह बात लोगो के समझ से परे है।
राज्यपाल को भेजे पत्र मे कहा है कि 3 जून 2019 की शाम को फोन द्वारा धमकी दी फिर षडयंत्र कर 7 जून 2019 की शाम को उनके पॉपुलर हॉस्पिटल मिर्ज़ापुर के स्टाफ में घर मे घुसकर मुझे जान से मारने की धमकी और गाली गलौच किया, जिसकी तहरीर मैंने 7 जून रात्रि में कटरा कोतवाली मिर्ज़ापुर में दिया उसके बाद 8 जून सुबह से कटरा पुलिस शायद डॉ कौशिक व पॉपुलर हॉस्पिटल के प्रभाव में आकर मुझे दिग्भर्मित कर मेरी आज तक मेरी प्राथमिकी दर्ज नही हुई। आपके सुशासन में कटरा पुलिस द्वारा मेरे मानवीय अधिकारों का हनन हो रहा है। मिलीभगत कर मामले को दबाने वाले पुलिसजनों पर अंकुश लगाते हुए मेरी प्राथमिकी दर्ज करवाकर मुझे और मेरे परिजनों को न्याय व सुरक्षा प्रदान करने की कृपा करें।