0 राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मुख्य सचिव को भेजा ज्ञापन
मिर्जापुर।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मण्डल मीरजापुर इकाई के मण्डल संयोजक अखिलेश मिश्र ‘वत्स’ ने बताया कि महासंघ की प्रदेश कार्यकरिणी ने एक अन्य संगठन द्वारा एक दिन की वेतन कटौती के शिक्षक विरोधी पत्र का पूर्णतः विरोध कर किसी भी प्रकार कोई भी वेतन कटौती न किये जाने तथा कालकवलित शिक्षको के परिवारजन को 50 लाख का अनुग्रह राशि व परिवार के सदस्य को योग्यतानुसार विभाग में शिक्षक या क्लर्क नियुक्ति देने के सम्बन्ध में प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर मांग की। पत्र की प्रति बेसिक शिक्षा मंत्री सतीशचन्द्र द्विवेदी व महानिदेशक को भी भेजा।
वत्स ने बताया प्रदेश भर के शिक्षक साथी अपने दिवंगत शिक्षक साथीयों के परिवार को आर्थिक सहायता अन्य माध्यम से कर रहा है। फिर शासन को शिक्षकों का एक दिन की वेतन कटौती के सम्बन्ध में पत्र भेजना इस लड़ाई को कमजोर करना है। उक्त संगठन द्वारा वेतन कटौती के पत्र के साथ न तो संगठन की सदस्यता सूची भेजी। न ही शिक्षकों का सहमति पत्र। उक्त संगठन द्वारा वेतन कटौती को लेकर लाखों शिक्षकों से सहमति लेने का कोई प्रयास भी न किया गया। शिक्षको के वेतन पर शिक्षक के सहमति बिना किसी भी संगठन का कोई अधिकार नही है। प्रदेश के लाखों शिक्षकों में इनके इस कार्य से रोष है। पूर्व की तरह आज भी ये शासन व अधिकारियों की चाटुकारिता में शिक्षक की लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं।
मण्डल संयोजक वत्स ने कहा एक सप्ताह पूर्व सरकार व विभाग दिवंगत शिक्षकों की संख्या 3 बताई थी। जिस पर मान्यता प्राप्त संगठनों द्वारा 1488 व 1621 दिवंगत शिक्षकों की पूर्ण जानकारी के साथ सूची भेजकर उनके 3 की संख्या का विरोध किया। महासंघ व प्रदेश भर लाखों शिक्षको पूरे ऊर्जा के साथ अपने दिवंगत साथियों के न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिसका नतीजा मुख्यमंत्री जी ने चुनाव ड्यूटी में प्रतिभाग करने वाले कालकवलित शिक्षकों को लाभ दिलाने की घोषणा की। वर्तमान में शिक्षक और शासन के बीच हितों को लेकर एक मनोवैज्ञानिक संघर्ष चल रहा है। जिसे उक्त संगठन ने एक दिन का वेतन काटने का पत्र जारी कर इस लड़ाई को कमजोर करने का काम किया है। महासंघ की प्रदेश से ब्लॉक तक कि कार्यकरिणी इस लड़ाई को अंत तक लड़ेगा।
मण्डल संयोजक वत्स ने बताया जब राष्ट्र पर विपत्ति आई तो समस्त शिक्षक राष्ट्रहित में सहमतिनुसार एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिया था। आज जरूरत की चीजें के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई लेकिन पिछले डेढ़ वर्ष से फ्रीज महंगाई भत्ता की घोषणा अभी तक न करना असहनीय है। फ्रीज महंगाई भत्ते की घोषणा सरकार जल्द करे।